Thursday, February 7, 2008

Meri Kavita

कुछ तुम मैं वो बात है
जो और किसी मैं नही
जमने बार को देखा
पर तुम सा नही

तेरे वो शर्मना
तेरी वो नजाकत
दिल को जो छों ले
होंतो से निख्ली वो बात है

कहना मैं छठा हूँ के
तुम बिना नही जिया जाता
आँखों मैं चमक होंतो मैं हँसी
फिर भी खुस नही रा जाता

कब मेरी जिन्दगी मैं आओगी
कब मेरी कह्लोगी
अब तुम ही कह दो
साँस ये रुक ना जाए
आस ये टूट जाए
तेरा दीवाना सिर्फ़ तुमको ही छाए

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