कुछ तुम मैं वो बात है
जो और किसी मैं नही
जमने बार को देखा
पर तुम सा नही
तेरे वो शर्मना
तेरी वो नजाकत
दिल को जो छों ले
होंतो से निख्ली वो बात है
कहना मैं छठा हूँ के
तुम बिना नही जिया जाता
आँखों मैं चमक होंतो मैं हँसी
फिर भी खुस नही रा जाता
कब मेरी जिन्दगी मैं आओगी
कब मेरी कह्लोगी
अब तुम ही कह दो
साँस ये रुक ना जाए
आस न ये टूट जाए
तेरा दीवाना सिर्फ़ तुमको ही छाए
Thursday, February 7, 2008
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